DC जनरेटर

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परिचय (Introduction) :
जनरेटर एक महत्वपूर्ण विद्युत मशीन है जिसे एसी और डीसी जनरेटर के रूप में वर्गीकृत किया गया है। डीसी मशीन एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल ऊर्जा रूपांतरण उपकरण है। यह यांत्रिक शक्ति को डीसी विद्युत शक्ति में परिवर्तित करता है, इसे डीसी जनरेटर के रूप में जाना जाता है।  सामान्य प्रयोजन के लिए बैटरी डीसी विद्युत शक्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, लेकिन यह सीमित बिजली की आपूर्ति कर सकती है।  कुछ अनुप्रयोग ऐसे होते हैं जहाँ अत्याधक मात्रा में डीसी बिजली की आवश्यकता होती है (जैसे कि रासायनिक और धातु निष्कर्षण संयंत्रों में, इलेक्ट्रोप्लेटिंग और इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रियाओं आदि के लिए), ऐसे स्थानों पर डीसी जनरेटर का उपयोग बिजली पहुंचाने के लिए किया जाता है।

परिभाषा (definition) :

एक विद्युत-यांत्रिक ऊर्जा रूपांतरण उपकरण (या इलेक्ट्रिकल मशीन) जो यांत्रिक ऊर्जा या शक्ति को डीसी विद्युत ऊर्जा या शक्ति में परिवर्तित करता है, को डीसी जनरेटर कहा जाता है।

सिद्धांत (working principle):
डीसी जनरेटर का मूल सिद्धांत इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक इंडक्शन है, यानी
"जब एक चालक को चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया (Rotate)   जाता है  तो उसमें एक ईएमएफ प्रेरित होता है।"


बनावट (constraction) :
इसमें एक निश्चित अक्ष पर घूमने वाले तार का लूप होता है।  इस मशीन के घूमने वाले भाग को रोटर कहा जाता है, और स्थिर भाग को स्टेटर कहा जाता है। स्टेटर में तांबे के तार को कोर के ऊपर लपेटा जाता जिसे फील्ड वाइंडिंग कहते है    जिससे ध्रुवों (poles) का निर्माण होता है ।
रोटर में आर्मेचर चालक होते है जिसके टर्मिनल को ब्रश और कोम्यूटेटर के द्वारा टर्मिनल बॉक्स में जोड़ा जाता है जहा से हम विद्युत अकी आपूर्ति करते है ।
 मशीन के लिए चुंबकीय क्षेत्र को चित्र में स्टेटर पर दिखाए गए चुंबकीय उत्तर और दक्षिणी ध्रुवों द्वारा आपूर्ति की जाती है



कार्य प्रणाली (Working) :
जब डीसी जनरेटर के फील्ड वाइंडिंग को डीसी सप्लाई दी जाती है तब ध्रुवों के बीच एक मजबूत स्थिर चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण होता है । तथा जब रोटर को यांत्रिक ऊर्जा के माध्यम से धुमया जाता है तब रोटर के चालक ध्रुवों के चुंबकीय क्षेत्र को काटते है जिससे रोटर के चालक में विद्युत धारा प्रेरित होती है यह विद्युत धारा प्राकृतिक रूप से एसी होती है परन्तु यह कोम्युटेटर के द्वारा एसी से डीसी में कन्वर्ट होता है और ब्रशो के द्वारा हम इसे प्राप्त करे है।

उपयोग (Application) :
इसका उपयोग वहा किया जाता है जहां डीसी बिजली की बड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है जैसे कि रासायनिक और धातु निष्कर्षण संयंत्र, इलेक्ट्रोप्लेटिंग और इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रियाओं आदि के लिए।

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