मोटर एक इलेक्ट्रिकल मशीन है जो इलेक्ट्रिकल पावर को मेकेनिकल पावर में बदल देती है। डीसी मोटर एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल एनर्जी कन्वर्सेशन डिवाइस है जो डीसी इलेक्ट्रिकल एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में परिवर्तित करता है। डीसी मोटर एसी सप्लाई पर काम नहीं करता है।
इलेक्ट्रिक मोटर्स का उपयोग औद्योगिक मशीनों, जैसे कि, हथौड़ों प्रेसों, ड्रिलिंग मशीनों, लैट्स, पेपर और स्टील उद्योग में रोलर्स, भट्टियों के लिए ब्लोअर, आदि और घरेलू उपकरणों, जैसे, रेफ्रिजरेटर, पंखे, पानी के पंप, खिलौने, मिक्सर के लिए किया जाता है।
सिद्धांत (Working principle) :
जब चुंबकीय क्षेत्र में धारा वाली चालक को रखा जाता है तब चालक को एक घूर्णन बल का अनुभव होता है। जिसके कारण वह घूर्णन गति करने का प्रयास करता है। इस घूर्णन बल का निर्देशन फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियम से जाना जा सकता है।
बनावट और कार्य प्रणाली (Construction & working) :
डीसी मोटर कि बनावट डीसी जेनरेटर की तरह ही होता है, इसमें दो मुख्य भाग स्टेटर और रोटर होते हैं, स्टेटर में एक फ्रेम और ध्रुव (poles) होते हैं, इन ध्रुवों का मुख्य हिस्सा सिलिकॉन स्टील से बना होता है, जिस पर तांबे के तार को लपेट कर वाइंडिंग का रूप दिया जाता है इसे, फील्ड वाइंडिंग कहते है । इसमें डीसी सप्लाई दी जाती है इन ध्रुवों को बोल्ट के माध्यम से फ्रेम के अंदर फिक्स किया जाता है, जब डीसी करंट को वाइंडिंग में से प्रसार किया जाता है तब ध्रुव चूमबक कि तरह काम करते है जिससे स्थिर चुंबकीय क्षेत्र बनाता है। मशीन के घूर्णन भाग (रोटर अथवा आर्मेचर) को इसी ध्रुवों के बीच रखा जाता है जिसमें कंडक्टर होते है जिसे आर्मेचर कहते है, आर्मेचर को अत्यधिक पारगम्य सामग्री सिलिकॉन स्टील के स्टैम्पिंग के द्वारा बनाया जाता है जो चुंबकीय क्षेत्र को आसानी से गुजरने की अनुमति देता है।
आर्मेचर की बाहरी परिधि पर स्लॉट्स बने होते है, तथा इस स्लॉट्स में तांबे की कॉइल को लपेटा जाता है, प्रत्येक कॉइल को कम्यूटेटर सेगमेंट के द्वारा बाहरी डीसी स्रोत से जोड़ा जाता है, इस पूरी असेम्बली को शाफ़्ट पर जोड़ा जाता है शाफ़्ट उच्च गुणवत्ता वाले स्टेन लेस स्टील का बना होता है । जब रोटर में विद्युत प्रवाह को कम्यूटेटर सेगमेंट और कार्बन ब्रश के के माध्यम से प्रसार किया जाता है तब आर्मेचर चालको के द्वारा चुुु्म्मबकीय क्षेत्र बनाता है जो ध्रुवों द्वारा बनाए गए चुंबकीय क्षेत्र को काटने की कोशिश करता है।
आर्मेचर की बाहरी परिधि पर स्लॉट्स बने होते है, तथा इस स्लॉट्स में तांबे की कॉइल को लपेटा जाता है, प्रत्येक कॉइल को कम्यूटेटर सेगमेंट के द्वारा बाहरी डीसी स्रोत से जोड़ा जाता है, इस पूरी असेम्बली को शाफ़्ट पर जोड़ा जाता है शाफ़्ट उच्च गुणवत्ता वाले स्टेन लेस स्टील का बना होता है । जब रोटर में विद्युत प्रवाह को कम्यूटेटर सेगमेंट और कार्बन ब्रश के के माध्यम से प्रसार किया जाता है तब आर्मेचर चालको के द्वारा चुुु्म्मबकीय क्षेत्र बनाता है जो ध्रुवों द्वारा बनाए गए चुंबकीय क्षेत्र को काटने की कोशिश करता है।
आर्मेचर कंडक्टर (रोटर) पर विद्युत चुम्बकीय बल लगता है जिसके कारण घूर्णन टॉर्क उत्पन्न होता है जिससे रोटर घूमने लगता है।
DC मोटर के प्रकार (types of DC motor) :
डीसी मोटर को इसके फील्डिंग कनेक्शन के अनुसार तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।(1) डीसी श्रृंखला मोटर
(२) डीसी शंट मोटर
(3) डीसी कंपाउंड मोटर
(4) ब्रशलेस डीसी मोटर
(5) बहुत तेजी से बाहर निकली डीसी मोटर
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